कुछ अधूरे नगमो को कैसे
तुम्हारे नाजो अंदाज से भर दूं
तुम्हारे सोहबत में मैं कैसे
मसरूर बन कर रह जाऊ
खोए हुए कदमों को कैसे
अनदेखी राहों पर ले जाऊ
बीतें कुछ लम्हों को कैसे
तुम्हारी आरजूओं से भर दूं
इस वक्त को मैं कैसे
बेइख्तियार कर दूं
जिंदगी की कुछ सुर्खियां कैसे
तुम्हारे साथ फिर से जी लूं