खयालों में कुछ नमी सी हैं
नींद भी कुछ खफा सी हैं
दिल में सुकून की कमी सी हैं
आज रात वफ़ा बैचैनी से हैं
Category: hindi
कत्ल
नाचीज़ की इस एक
दिक्कत को सुलझाईएगा
झुकी हुई पलकों में
दिल को ना कैद कीजिएगा
कैसे माँगू रिहाई मगर
उठी पलकों से कत्ल जो हो जायेगा
बेइख्तियार
कुछ अधूरे नगमो को कैसे
तुम्हारे नाजो अंदाज से भर दूं
तुम्हारे सोहबत में मैं कैसे
मसरूर बन कर रह जाऊ
खोए हुए कदमों को कैसे
अनदेखी राहों पर ले जाऊ
बीतें कुछ लम्हों को कैसे
तुम्हारी आरजूओं से भर दूं
इस वक्त को मैं कैसे
बेइख्तियार कर दूं
जिंदगी की कुछ सुर्खियां कैसे
तुम्हारे साथ फिर से जी लूं
हँसी
आज ये पलकें बोझल ही रहेंगी
आज धड़कनों में राहत नहीं होगी
आज ख्वाइशें भारी सी लगेगी
आज साँसे भी सारी शोर मचाएंगी
उलझने जिंदगी कोई
आज सुलझने नही देगी
आज बादल को कोई हटाएगा नही
आज तूफान को कोई रोकेगा नहीं
आज कश्ती को कोई बचाएगा नही
आज दिल को कोई सवारेगा नही
तकदीर को कोई
आज तबदील करेगा नही
कल मगर एक नई सुबह आएगी
कल शायद कोई राह दिख जायेगी
कल कही कोई मुराद मंज़िल पाएगी
कल शायद जीने की तमन्ना मिलेगी
आज को याद कर कल
थोड़ी हँसी भी आ जायेगी
बेजुबान
तू कहां
चल दी
ए जिंदगी
अंजान राहें
तन्हा ये बाहें
रूसवे जो इतने
जुदा हम हमसे
टूटे सपने
गमगीन आंखे
आंगन में बिखरे
ख्वाइशों के अंगारे
ढूंढे पल हलके
ये बोझल पलके
दिलसे पर बरसे
बेजुबान चीखें
तू कहां
चल दी
ए जिंदगी
सुकून
सुकून का एक पल
चुरा लेने दो
इस मंजर की एक याद
छुपा लेने दो
मौसम से थोड़ा सा इत्मीनान
छीन लेने दो
आज एक दूसरे की कुछ सांसे
सुन लेने दो
सोहबत
एक ख्वाब
कुछ जुर्म सा हैं
आज बेनकाब
कुछ दिल सा हैं
ये बेताब
कुछ लम्हे कह गए
वो शादाब
तेरी मौजूदगी में हो गए
सब बेअदब
मेरे इस इकबाल में हैं
अब सबब
अल्फाजों से परे हैं
एक हिसाब
टूटे उसूल माँग रहें
तेरे सोहबत
की कीमत ढूंढ रहें
जाने रब
तुझे महसूस करने की सजा
झेलेंगे अब
किसी अफसोस के बिना
वजह
भरे हुए कैलेंडर के किसी
खतम हुए झूम कॉल पर
अकेले रूके अटेंडी की तरह
जिंदगी ताक रही हैं
सुनसान प्लेटफॉर्म पर
छूटी हुई ट्रेन की वजह
मुठी
ख्वाब सी लगती हैं अब
जिंदगी देखती थी ख्वाब जब
साँसे भी सेहमी सी हैं अब
क्या पता आ जाये तूफान कब
पलके खुली रहेंगी रातभर अब
बंद मुठी में उमीदें सब
तक़दीर
“जिंदगी सुन, तू यही पे रुकना
हम हालात बदल कर आते हैं”
उधार में थोड़ी सी हिम्मत लेकर
अपने वजूद को उम्मीद दे आते हैं
इस तूफ़ान को थाम लो थोड़ा जरा
एक कश्ती को भवंडर से ले आतें हैं
इन पलों को हिरासत में रखना
कुछ ग़मों को आजाद कर आते हैं
खोई हुई धड़कनों की गूँज में
अपने आप को ढूँढ ले आते हैं
जिंदगी सुन, अपनी तक़दीर को
हम थोड़ा हैरान कर आते हैं