रोक ना सका कोई
इन आँसूओ का सावन
ना दिखाओ ख्वाब जो
होंगे ना पूरे किसी आंगन
काफी ना होगी चाहत तुम्हारी
जो तोड़े इन बेड़ियों का बंधन
माँग के दिल मेरा मुझसे
ना छीनो मेरा अकेलापन
Poems by Rohit Malekar
रोक ना सका कोई
इन आँसूओ का सावन
ना दिखाओ ख्वाब जो
होंगे ना पूरे किसी आंगन
काफी ना होगी चाहत तुम्हारी
जो तोड़े इन बेड़ियों का बंधन
माँग के दिल मेरा मुझसे
ना छीनो मेरा अकेलापन