बिस्मिल

चंद अल्फ़ाज़ उतर ना पाए जुबान पर
खामोश रह गयी तेरी बिदाई
अब किश्तों में मचाएंगे शोर जिंदगी भर
ये बिस्मिल दिल और तन्हाई

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.